
नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन के युद्ध कि वज से बड गई सोने कि मांग. विश्व स्वर्ण परिषद ने बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया कि साल २०२२ के सालाना आधार पर पहली तिमाही में सोने की खपत ३४ फीसदी बढ़ी है. इसकी प्रमुख वजह रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से उपजा संकट और बढ़ती महंगाई है.
ETF की मांग सबसे ज्यादा
ETF की मांग बढ़ने के कारण ही पहली तिमाही में १,२३४ टन सोने की मांग रही. यह साल २०१८ की आखिरी तिमाही में हुई खरीद के बाद सबसे ज्यादा है. इतना ही नहीं इस साल की पहली तिमाही में हुई सोने की खरीद पिछले पांच साल की औसत खरीद से भी ज्यादा रही. पिछले पांच साल में पहली तिमाही के दौरान सोने की औसत खरीद १०३९ टन रही है. Gold ETF में साल २०२२ की तीसरी तिमाही के बाद सबसे ज्यादा निवेश किया गया है.
सिक्के और बार की खरीद घटी
WGC के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही के दौरान छोटे बार और सिक्कों से निवेशकों का मोहभंग दिखा. इन दोनों की खरीद में २० फीसदी की बड़ी गिरावट आई है. इसकी वजह चीन में दोबारा कोविड-19 संक्रमण बढ़ने से लॉकडाउन का लगना और टर्की में रिकॉर्ड स्तर पर कीमत का पहुंचना रहा है.