राष्ट्रीय

नेपाल भारत को महत्वपूर्ण परियोजना सौंपने जा रहा हे ; छीनेगा चीनी कंपनियों से काम

काठमांडू : नेपाल ने अपनी महत्वपूर्ण पश्चिमी सेती जलविद्युत परियोजना के लिए भारत से बातचीत शुरू की है.

पहले इस परियोजना पर चीन के साथ वार्ता कर रहा था, लेकिन अब नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने जानकारी दी है कि सेती जलविद्युत परियोजना को लेकर भारत के साथ बातचीत कर रहा है. इस परियोजना के तहत 1250 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है.

नेपाल ने 2012 और 2017 में इसी परियोजना को लेकर चीनी कंपनियों के साथ समझौता किया था. अब नेपाल के पीएम देउबा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी 16 मई को लुंबिनी आ रहे हैं. इसी दौरान इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए उनके साथ निर्णायक बाचतीत की जाएगी.

1981 से सेती परियोजना पर चल रहा काम

पश्चिमी सेती जलविद्युत परियोजना पर 1981 से काम जारी है. 1987 में एक फ्रांसीसी कंपनी ने इस परियोजना में बदलाव किया और कहा, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना यहां 380 मेगावाट का भंडारण किया जा सकता है. लेकिन 1994 में परियोजना के सर्वेक्षण के लिए ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को लाइसेंस मिला. 1997 में भी इस कंपनी को लाइसेंस दिया गया. हालांकि, बाद में इस प्रोजेक्ट में चीनी कंपनियां शामिल हो गईं.

भारत की तरफ क्यों बढ़ रहा नेपाल

भारत ने नेपाल से दो टूक कहा हुआ है. अगर नेपाल भारत के पावर एक्सचेंज मार्केट में बिजली बेचने की योजना बना रहा है, तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी जलविद्युत परियोजनाओं में कोई चीनी घटक नहीं होगा. अब यही कारण है कि नेपाल पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर भारत की तरफ कदम बढ़ा रहा है.

बातमी शेअर करण्यासाठी खाली क्लिक करा

Mrs. Jyotibala S. Surwade

सदर न्युज वेबपोर्टल हे मुबंई येथून संपूर्ण महाराष्ट्र राज्यात प्रसारित होते. या ऑनलाइन न्युज पोर्टलमध्ये प्रसिद्ध झालेल्या मजकुराशी संपादक मंडळ सहमत असेलच असे नाही (मुबंई न्यायक्षेत्र) Mo. 9923149159

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
बातमी कॉपी करणे हा कायद्याने गुन्हा आहे